श्रेया का गुस्सा
चैप्टर 8 श्रेया का गुस्सा
अब तक आपने पढ़ा श्रेया शौर्य का नाम जान कर कहती है की वो रिजाइन कर देगी और जाने लगती है तभी उसे पता चलता है की अनिल किसी को ढूंढ रहा है वो वहां से चली जाती है
अब आगे
श्रेया घर आकर सोफे पर दोनों हाथ रख सर निचे कर ज़मीन को देखने लगती है ,वो क्या सोच रही थी किसी को नहीं मालूम उसे एसे परेशान देख तनूजा उसके पास बैठ जाती है, और कहती है "क्या हुआ",
"श्रेया उसे एक नज़र देखती है फिर सर झुका कर कहती है... "मैं आज उससे मिली" उसकी बात सून तनूजा एकदम से खड़े हो जाती है और पूछती है "वाट क्या उसने तुझे पहचान लिया"
श्रेया ना में सर हिला देती है तनूजा थोड़ा रिलेक्स अभी हुई ही थी कि तभी उसे श्रेया की आवाज आती है,,,,,,,,, "वो उसे ढूंढ रहा है" उसकी बात सून तनूजा दुबारा शॉक हो जाती है फिर कहती है
"अब क्या करेगी तू"
श्रेया थोड़ा परेशान होते हुए कहती है "कुछ पता नहीं"
फिर कुछ सोच कर श्रेया कहती है "तु भरोसा करती है मुझपे "?? उसकी बात सून तनूजा झल्लाते हुए कहती है "ये कोई वक्त है ये सवाल करने का"
उसकी बात सून श्रेया कहती है "जवाब दे मूझे" तो तनूजा मूहँ बनाते हुए कहती है "हां करती हुं" तब श्रेया उससे कहती है
"अब जो मैं कहने वाली हुं, उसे ध्यान से सुन और जैसा कहूँ बिना सवाल जवाब किए करना" उसकी बात सून तनूजा अजीब सी शक्ल बना कर कहती है "ऐसा क्या करना होगा"
तनूजा की एसी शक्ल देख श्रेया कहती है "शक्ल तो एसी बना रही है जैसे मैंने तेरी किडनी मांग ली हो" तनूजा मुंह बनाते हुए कहती है "तेरा कोई भरोसा नहीं है"
"श्रेया कहती है "मैंने तेरी टिकट करा दिया है 7 बजे ट्रेन है" त......"
तनूजा उसकी बात काटते हुए कहती है "लेकिन मुझे कल जाना है तु आज क्यों भगा रही मैं कौन सा तेरे घर का राशन खतम कर रही हुं".....
श्रेया (समझाते हुए) "मैं जो भी कर रही हूँ सोच समझकर कर रही हूँ, प्लिस ट्राई टू उंडरस्टैंड"
तनूजा सोफे पर बैठते हुए कहती है "ठीक है बट टेल मी द रीजन इफ् उ कांट टेल मी देन ट्रस्ट मी आई एम नोट गोइंग टू अनेवहेरे"
श्रेया कहती है " मैंने कहा था ना तू कोई सवाल नहीं करेगी, मेरी बात मान चली जा यहाँ से, मैं राहुल और रिहान दोनों को लेकर 1 हफ्ते बाद शिमला चली जाउंगी तु वहीं आ जाना "
अब तनूजा को गूस्सा आने लगा उसने गुस्से में श्रेया को अपनी तरफ पलटा और उसके कंधे को पकड़ उसकी आंखों में देख गूस्से में दांत पिसते हुए बोली "तू सिर्फ उसकी वजह से तो एसा करेगी नहीं बात क्या है श्रेया"
श्रेया समझाने की कोशिश करते हुए कहती है "तनू मेरी बात सून" .......
तनूजा ...."नहीं श्रेया आज तु मेरी बात सून ,हर बार तेरी मरजी नहीं चलेगी उस वक्त भी तू बिना बताये चली आई मैंने कूछ नही कहा कभी तेरे फैसले पर सवाल नहीं उठाया लेकिन आज मूझे वजह जाननी है क्योंकि हो ना हो ये बात मुझसे जुड़ी है बता श्रेया बात क्या है" "श्रेया नज़र चुराते हुए "एसी कोई बात नहीं है "
तनूजा "ठीक है मैं भी यहाँ से नहीं जाउंगी जो होगा देखा जाएगा" और वो सोफे पर बैठ जाती है श्रेया उसे समझाते हुए कहती है "मेरी बात समझ तनूजा प्लीज़"
तनूजा "नहीं जब तक तू मुझे नहीं बताती मैं कहीं नहीं जाउंगी बता श्रेया बात क्या है तूझे राहुल की कसम है"
उसका इतना कहना भर था कि श्रेया का गुस्सा फट पड़ता है वो चिल्लाते हुए कहती है "तुझे जानना है ना ,तो सून आज मै उस इंसान से मिली जिसे तु सपने में भी नहीं देखना चाहती, वो राज़ जिसे मैंने और सिद्धार्थ ने उस रात दफन कर दिया था वो राज़ तेरी तलाश में है अब उसका निशाना सिर्फ तू नहीं मेरा बेटा राहुल भी है क्योंकि गूंजन का भाई और कोई नहीं महेंद्र सिंह उरफ (एम डी) है" .........
तनूजा ये नाम सून सदमे में आ जाती है ,और लड़खड़ा कर ज़मीन पे गीर जाती है, उसे एसे देख श्रेया उसके पास आकर बैठ जाती है
तनूजा अचानक उसे गले लगाकर रोते हुए कहती है "मूझे बचा ले श्रेया वो मुझे नहीं छोडे़गा प्लिज़ मुझे बचा ले"
श्रेया उसकी पिठ सहलाते हुए कहती है "कुछ नहीं होगा मैं हूँ ना तु जा जाके पैकिंग कर राहुल आ जाए फिर निकलते हैं रास्ते में माँ के दर्शन करते हुए चलेंगे"
तनुजा सीर हिला देती है और पैकिंग करने चली जाती है और श्रेया किचन में चली जाती है।
कूछ देर बाद तनुजा अपना सामान लेकर निचे आजाती है उसी वक्त उसे राहुल अंदर आता हुआ दिखता है और उसके साथ रिहान भी होता है
तनुजा "क्या बात है आज दोनों एकसाथ" राहुल कूछ कहता उससे पहले रिहान अपना एक हाथ अपने माथे पर और दुसरा हाथ थोड़ा साइड करते हुए कहता है " "हाय ये ज़ालिम दुनिया प्रिंसेस फ्रेंड् बहुत अत्याचार करती है" फीर वो सर पकड़ कर ज़मीन पर बैठ जाता है, और राहुल को भी खींच लेता है और सर पर हल्का सा मारकर कहता है "तू भी कर"
तो राहुल भी वैसे ही अपने माथे पर हाथ रख लेता है फिर ,दोनों एक साथ कहते हैं "हाय ये स्कूल वाले, बहुत मेहनत करवाते हैं हम मासूम बच्चों से, इन्हें तरस भी नहीं आता है ,हाय ये ज़ालिम लोग" और सर झुका कर बैठ जाते हैं".......
श्रेया उन दोनो को घूरते हुए कहती है "अगर तुम दोनों की नौटंकी हो गई हो तो जाकर फ्रेश हो जाओ और आकर लंच कर लो फिर स्टेशन चलना है"
राहुल "स्टेशन क्यों मां" श्रेया कहती है "तनुजा का कॉल आया था उसे आज ही निकलना है" फिर दोनों रेडि होकर निचे आजाते हैं। "तभी रिहान की नज़र श्रेया और तनुजा पर जाती है जो उसे रास्ते का खाना देते हुए समझा रही थी जिसे देखकर रिहान इमोशनल हो जाता है और पिछे से मिरा के गले में हाथ डालते हुए कहता है
"प्रिंसेस आपको सबकी फिकर रहती है, सबका खाना , सबकी हेल्थ, आप खुद के लिए कभी नहीं सोचती हो ना"
श्रेया कुछ कहती उससे पहले ही तनुजा अपनी नम आंखों से उसे देखते हुए कहती है "मां है ना इसलिए"
रिहान फिर तनुजा से पूछता है "क्या मां ऐसी भी होती है,क्योंकि इन्होंने हमें जनम नहीं दिया"
तभी राहुल कहता है "ये मेरी मां है,सबसे अनोखी"
श्रेया तीनों को घूरते हुए कहती है "अगर तुम तीनों का हो गया हो तो खाना खा लो, टाइम होने वाला है"
चारों खाना खाकर निकल जाते हैं........
कौन है एम डी? क्यों ढूंढ रहा है वो तनुजा को? श्रेया कैसे जानती है मीरा को? क्या है इनकी कहानी ? मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए बाय बाय
वानी #कहनीकार प्रतियोगिता हेतु
Abhilasha Deshpande
13-Aug-2023 10:25 PM
Nice part
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Gunjan Kamal
17-Jul-2023 01:59 AM
👏👌
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